Life Motivation : जिंदगी मैं दुःख क्यों खत्म नहीं होते ?
जीवन संकटों से भरा हुवा है , दुनिया को कोई एसा इन्सान नहीं जिसके जीवन मैं सिर्फ सुख ही सुख है .सुख दुःख का यह खेल हमे जीवन भर खेलना पड़ता है , जब भी सुख आता है हमे लगता है बस एसे ही जिंदगी कट जाय . पर एसा कभी होता नहीं . जीवन काटों से भरा हुवा वो रास्ता है जिसे पार करके ही आप घर की और जा सकते है . याने आत्म सुख की और .
दुःख मैं खुद को कैसे संभाले ?
जीवन मैं दुःख खत्म होने से रहा , तो खुद को संभालना सीखो . अगर खुद पर काबू कर लो तो जीवन ज्यादा मुश्किल नहीं है . कभी कभी दुःख इतना बड़ा होता भी नहीं जो की हम सोच सोच के उसे बड़ा बना देते है . वो कहते है न .. चोट पहाड़ से नहीं तो छोटे कंकड़ से लगती है, ठीक वैसे ही – दुःख छोटा होता है हम उसे कंकड़ से पहाड़ बना देते है और फिर उसके बोझ के निचे दबते चले जाते है . इस लिए खुद को जानो खुद को एहसास दिलाव की ये सब कुछ… कुछ ही वक्त के लिए है . मैं इसे पार कर जाऊंगा . ये वक्त भी गुजर जायगा – बोले तो अपना टाइम आएगा .
दुःख को बाटना सीखो
हम इंसानों मैं खास कर पुरुषों मैं यह एक खामी है की वो ज्यादा खुलते नहीं है . अपना दुःख किसी के साथ बाटते नहीं है, अंदर ही अंदर उसे दबाते चले जाते है . और नतीजन उस का ज्वाला मुखी बन जाता है जिस मैं वो अपनों के साथ खुद को भी जला देते है . कहने का अर्थ किसी से बात करो . वो चाये लड़का हो या लड़की , बस बात करो .बात करने से दिल का बोझ कम होता है , कभी भी लगे की अकेले पड़ गए है या बस बोहत हुवा अब यह दुःख सह नहीं जाता तो बस एक बारी अपने सबसे करीबी दोस्त या एसे इन्सान से बात करके देखो जो आपको समजता है . उनसे बात करने से भी आपको बोःत राहात मिलेगी – क्या पता उनसे बात करते वक्त आपको अपने दुःख का हल भी जाए … तो दुःख बाटना सीखो .
दुःख से बाहर कैसे निकले ?
अब ये बड़ा पेचीदा सवाल है – क्योंकि हर किसी का दुःख अलग अलग हो सकता है – अलग अलग वजहों का हो सकता है ! तो इसके लिए एसा कोई पक्का उपाय नहीं है जो करने से आप एकदम से मुक्त हो जाय किन्तु कुछ एसी बाते है , जिसे अगर सिख लो तो शायद कम हो सकता है .
- बोःत प्रयास करने पर भी दुःख से बाहर नहीं निकल पा रहे तो – कही घुमने चले जाओ .
- किताबे पढना शुरू करो .
- कोई एसी चीज़ करने लग जाओ – जिस से तुम दिन भर व्यस्त हो जाओ .
- ग्राउंड पर गेम खेलने जाओ .
- व्यायाम शुरू करो, इससे आत्म शक्ति बढेगी और निराशा दूर होगी
ये कुछ बाते है जिससे आपका दुःख कम हो सकता है . मैं यह नहीं कहता की जो बाते मैं ने ऊपर बताई है उससे आपका दुःख पूरा ही खत्म होगा . शायद ना हो पर आप जहा थे – उससे एक कदम आगे बढे होंगे . दुःख कोई स्थाई भाव नहीं है . बस कुछ अलग करने लग जाओ – ये भाव पीछे छुट जाता है . कोई अलग समस्या है तो उसके लिए आप उसका समाधान खोजिये . आज ना सही कल जरुर मिलेगा बस खुद पर भरोसा करो और बोलो हां में कर सकता हु . और देखना कुछ चीज़े अपने आप होने लगेगी . जैसे एक जादू की तरह – हा सिर्फ बोलना नहीं उसके साथ आप जो कार्य करते आ रहे थे उसे करते रहना होगा . हर दिन हार नहीं मनानी और नहीं दुखी होना की हो क्यों नहीं रहा . होगा एक दिन जरुर होगा .
धन्यवाद – यह लेख आपको पसंद आया तो शुक्रिया . और कुछ गलतिय हुई हो तो माफ़ी चाहता हु – कुछ और कहना चाहते हो ? तो आप इस पोस्ट के निचे comment कर सकते है . हमे बढ़ी ख़ुशी होगी .
लेखक – विक्रम